Thursday, March 20, 2014

बेनक़ाब आईये / Come unmasked

बेनक़ाब आईये

मिलनेको  तुमसे बहुत जी चाहता है,
लेकिन मिलनेपरभी मिल नही पाते।
आमने-सामने हम हैं ज़रूर,
फिरभी रु-ब-रु नही होपाते।

मिलनेको तुमसे मै तरसगया हूँ।
लेकिन इस चाहका कोई मक़ाम नही,
जबतक तुम बेनक़ाब नही आते।

Come unmasked